इलाहाबाद विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह 2021 सकुशल सम्पन्न, जानिए दीक्षांत समारोह की कुछ महत्वपूर्ण बातें



इलाहाबाद विश्वविद्यालय का बहुप्रतीक्षित दीक्षांत समारोह आज सकुशल सम्पन्न हो गया। कई अड़चनों और विवादों का जख्म लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अन्ततः दीक्षांत समारोह को सकुशल सम्पन्न करवा लिया। दीक्षांत समारोह में मेधावियों को मेडल और सम्मान दिया गया साथ ही अनेकानेक गणमान्यों की उपस्थिति भी रही। आइये आपको बताते हैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह के कुछ मुख्य अंश...

दीक्षांत समारोह की शुरुआत लगभग सुबह के 9 बजे हो गयी जब मेडल पाने वाले विद्यार्थियों और शोधार्थियों सहित अतिथियों का प्रवेश प्रारंभ हुआ। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम स्थल पर पहुँचने के लिए दो गेट थे पहला केपीयूसी हॉस्टल के सामने वाला गेट जिससे विद्यार्थियों और शोधार्थियों का प्रवेश हो रहा था और दूसरे गेट लाइब्रेरी वाले गेट से अतिथियों और विशिष्टजनों का प्रवेश हो रहा था।


कार्यक्रम की शुरुआत लगभग 10 बजे हुई जिसमें रंगारंग कार्यक्रमों के साथ मेधावियों को मेडल और सम्मान दिया गया गया , शोधार्थियों को पीएचडी डिग्री दी गयी और इस बीच ही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव का उद्बोधन भी हुआ। कुलपति महोदया ने शुभकामनाएं देते हुए कई मुद्दों पर बातें की साथ ही विश्वविद्यालय में नए भवन निर्माण को लेकर वित्तीय सहयोग की मुख्य अतिथि माननीय शिक्षा मंत्री से अपेक्षा भी की।

कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव जी ने कहा कि -"135 वर्ष से विश्वविद्यालय निरंतर शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय है। हम इलाहाबाद विश्वविद्यालय को इस तरह से ही प्रगति पथ पर आगे ले जाने का कार्य करेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत कई नए कोटों की शुरुआत की जा रही है। कोरोना के मुश्किल दौर में भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पठन पाठन कार्य प्रभावित नही हुआ और हमनें सकुशल ऑनलाइन परीक्षायें भी सम्पन्न कराई। हम लगातार विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं।" 


कुलपति महोदया के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने अपना उद्बोधन दिया जिसमें उन्होनें इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति पर थोड़ी चिंता व्यक्त की और कहा कि विश्वविद्यालय की प्रगति में क्या केंद्र सरकार या कोई रोड़ा है क्या? आखिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षा स्तर में गिरावट कैसे आ रही है। उन्होनें ये वादा भी किया कि सरकार द्वारा हर संभव सहायता दी जाएगी और पूरा प्रयास किया जाएगा कि विश्वविद्यालय का गौरव पुनः स्थापित हो। श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यहाँ के शिक्षकों और कर्मचारियों को आगे आकर विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति को बेहतर करने का अनुरोध भी किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री जी ने विश्वविद्यालय में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की बात भी की। श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत को लेकर अपने ट्विटर हैंडल पर अनेक ट्वीट भी किये।

अंतिम संबोधन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री आशीष कुमार चौहान का था जिसे उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तमाम शिक्षकों , कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए शुरू किया। उन्होनें कहा कि - "मैं दो दिन से प्रयागराज में हूँ और यहाँ की आभा ने मुझे अपनी ओर खींच लिया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को सीखने के लिए बहुत कुछ है। यह भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों में से एक है और इसने शिक्षा के क्षेत्र सहित अनेकानेक क्षेत्रों में कई योगदान दिया है। माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति करे जिसके लिए सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।"


इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मंद मधुर बजते संगीत ने सबका मन मोह लिया साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड ने भी बड़ा मनोरम दृश्य बनाया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र/छात्राओं के लिए एक गर्ल्स और एक बॉयज हॉस्टल का मुख्य अतिथि द्वारा अनावरण भी किया गया। दीक्षांत में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नंद गोपाल गुप्ता नंदी सहित लोकसभा सदस्य रीता बहुगुणा जोशी और केशरी देवी पटेल जैसे अनेक गणमान्य शामिल हुए। कुलमिलाकर विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह सकुशल सम्पन्न हुआ।

अगर आप विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को देखना चाहते हैं तो वीडियो नीचे उपलब्ध है।



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