सावधान : शिक्षा मंत्रालय ने किया आगाह, बताया किस चक्कर में फंसने पर विद्यार्थियों का हो सकता है लाखों का नुकसान


शिक्षा जीवन का ऐसा हिस्सा है जो हमें जीवन जीने की कला सिखाता है और साथ ही रोजी रोटी के लिए ऐसे अवसर भी पैदा करता है जिससे जीवन सुखमय हो जाता है। आज शिक्षा का स्वरूप बदल रहा है और शिक्षा के इस बदलते स्वरूप के साथ ही बदल रहा है शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों का भी स्वरूप। अगर गौर करें तो हमें यह आसानी से नज़र आएगा कि आज के कुछ वर्षों पूर्व शिक्षा कैसी थी , शिक्षा केन्द्र कैसे थे और शिक्षक कैसे थे लेकिन आधुनिकता में कई चीजें बदल गईं अब हाल यह है कि विद्यार्थी को कहीं जाने की जरूरत तक नही उसकी पढ़ाई लिखाई घर पर ही हो जाएगी। जी हाँ! ऑनलाइन एजुकेशन (Online Education) जो अब पूरी दुनिया में अच्छी खासी पकड़ बना चुका है। इसकी तमाम अच्छाइयां हैं लेकिन कुछ नकारात्मक पहलू भी। एक ऐसे ही मुद्दे पर हम कुछ बात करने जा रहे हैं जिसे समझना बेहद आवश्यक है।

शिक्षा अच्छी बात है लेकिन शिक्षा देने के चक्कर में तमाम कंपनियां भारत में अपना व्यापार जमा रही हैं उनके लिए शिक्षा से आमदनी हो इसपर पूरा जोर दिया जा रहा है और कुछ भोले भाले विद्यार्थी और उनके माता पिता अच्छा एजुकेशन के नाम पर अपना नुकसान करवा बैठते हैं। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने हाल ही में अभिभावकों को आगाह किया है कि वे सावधान रहें और ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे उनके पैसे खराब हों और जिस कार्य के लिए वे पैसे दे रहे हैं वो लक्ष्य भी पूरा न हो। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी यह सूचना कोई आम सूचना नही है और इसे हल्के में लेना भी खतरनाक हो सकता है।


देखिए असल में होता क्या है कि कुछ कंपनियां जो शिक्षा के नाम पर व्यापार कर रही हैं वे करोड़ों रुपये खर्च करके तमाम लुभावने विज्ञापन दिखाकर विद्यार्थियों को कोई कोर्स या पैकेज देने का काम करती हैं और उनसे अच्छी खासी कमाई करती हैं। कई बार यह होता है कि विद्यार्थियों को सब कुछ फ्री देने का वादा किया जाता है और कहा जाता है कि सबकुछ फ्री ही है लेकिन इसके पीछे छुपा होता है उनका एक ऐसा खेल जो आपको उनके जाल में फंसते ही लूटने का काम करने लगता है। होता यह है कि शुरू में तो वह कोर्स या पैकेज फ्री होता है लेकिन आगे उसमें ऑटो रिन्यू लगा होता है और पहला चरण समाप्त होते ही आपके ऑनलाइन पेमेंट सोर्स जैसे डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पैसे अपने आप कट जाते हैं। पैसे कटने के बाद ये कंपनियां न तो आपको पैसे रिफंड करती हैं और न ही आपसे सही तरह से बात।

एक सेवा है इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर (EFT) जिसमें होता यह है कि अगर आप उस कंपनी की नियम और शर्तों को स्वीकार कर लेते हैं तो आप द्वारा किया गया भुगतान जो शुरू में फ्री होता है लेकिन बाद में स्वतः कंपनी को चला जाता है। शिक्षा मंत्रलाय ने लगातार विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ हो रही इस प्रकार की धोखाधड़ी को समझते हुए ही विद्यार्थियों को और उनके माता पिता को आगाह किया है। सरकार का कहना है कि किसी भी एजुकेशन कोर्स या किसी भी प्रकार का एजुकेशनल सेवा खरीदने से पूर्व विचार कर लें और फ्री के नाम पर धोखाधड़ी हो सकती है इस बात का अंदाज़ा भी लगा लें।


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