
CBSE Exam New Rule Change : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपनी परीक्षाओं में एक बड़ा बदलाव कर दिया है जो एक विद्यार्थी की दृष्टि में काफी ज्यादा फायदेमंद भी हो सकता है हालांकि इसको लेकर तमाम प्रतिक्रियाएं आ रही हैं तो हम आपको सबसे पहले जानकारी देंगे बड़े बदलाव की जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को लेकर किया गया है इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कुछ अन्य विवरण भी जिसमें शामिल होगी तमाम विद्यार्थियों की प्रतिक्रियाएं और उसके साथ ही इस बदलाव के साथ क्या परीक्षाओं को बेहतर बनाने की ओर एक उषाकारात्मक कम या साबित हो सकता है यह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर यह निर्णय विफल हो सकता है जैसे बिंदुओं पर चर्चा भी करेंगे तो नीचे जो भी हमारे पास उपलब्ध जानकारी है वह आपको हम दे रहे हैं...
सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) में परीक्षाओं को लेकर किया बदलाव -
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अर्थात सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) ने परीक्षाओं को लेकर एक बड़ा निर्णय ले लिया है और इसके अंतर्गत परीक्षाओं में अब जो बड़ा बदलाव किया गया है वह निश्चित रूप से विद्यार्थियों को प्रभावित करेगा अभी किस तरीके से प्रभावित कर सकता है इस पर हम आपको जानकारी देंगे हालांकि सबसे पहले चर्चा कर लेते हैं बदलाव की तो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड परीक्षाओं में बड़ा बदलाव किया है और अब बोर्ड परीक्षाएं वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी इसमें मुख्य रूप से वर्ष की पहली परीक्षा फरवरी और मार्च महीने में होगी और दूसरी परीक्षा मई महीने में आयोजित होगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों को लेकर यह बड़ा बदलाव किया है और इसको लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी सकारात्मक रुख दिखाया है।
सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) परीक्षा में बदलाव का क्या हो सकता है असर -
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को वश में दो बार आयोजित करने के निर्णय को लेकर अनेक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं हालांकि हमारी टीम ने सभी का विश्लेषण किया है तो ज्यादातर प्रतिक्रियाओं में इस निर्णय को सकारात्मक बताया जा रहा है और क्योंकि वर्ष में दो बार जब परीक्षाओं का आयोजन होगा तो इससे ऐसे विद्यार्थियों को काफी ज्यादा फायदा होगा जिनके लिए परीक्षा की तैयारी करना है बोझ बन जाता है ऐसे में वह अगर पहली परीक्षा में बेहतरीन अर्जित नहीं करते हैं तो उनके पास दूसरी परीक्षा का विकल्प होगा इसके साथ ही विद्यार्थियों को यह भी विकल्प दिया जाएगा जिसमें वह यदि वह चाहते हैं तो केवल एक परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं और इसका मतलब यह है कि वर्ष की जो दूसरी परीक्षा है वह एक वैकल्पिक परीक्षा के रूप में होगी। इससे असर यह होगा कि विद्यार्थियों में तनाव कम हो सकता है इसके साथ ही विद्यार्थियों पर लगातार बढ़ रहा दबाव भी नियंत्रण में आ सकता है।
सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) परीक्षा में बदलाव होगा फायदेमंद -
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को वर्ष में दो बार आयोजित करने को लेकर यह निर्णय फायदेमंद साबित होगा विद्यार्थियों के लिए और जब यह सूचना विद्यार्थियों को दी गई तो निश्चित रूप से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा यह स्पष्ट बताया गया कि विद्यार्थियों के तनाव और दबाव को कम करने के लिए वर्ष में परीक्षाओं का दो बार आयोजन काफी ज्यादा राहत देने वाला निर्णय साबित होगा इसके साथ ही परीक्षा में प्रैक्टिकल परीक्षा और अन्य परीक्षाएं जो बौद्धिक विकास या प्रेजेंटेशन को लेकर होती है उसे पर बोर्ड द्वारा ज्यादा ध्यान दिया जाएगा जिससे विद्यार्थियों का विकास बेहतर तरीके से हो सकेगा और प्रायोगिक परीक्षाओं इत्यादि पर बोर्ड ज्यादा गहराई से काम करेगा जो निश्चित रूप से फायदेमंद साबित होगा अब देखना यह होगा कि यह कितना सही साबित होता है।
सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) के निर्णय पर प्रतिक्रियाएं -
देशभर के करोड़ों विद्यार्थियों को यह बदलाव प्रभावित करेगा और इसको लेकर विद्यार्थियों में मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है हालांकि जैसा हमने ऊपर आपको बताया है कि ज्यादातर विद्यार्थियों द्वारा इस निर्णय को सकारात्मक दृष्टि से देखा जा रहा है और ज्यादातर विद्यार्थी से बड़ा फैसला बता रहे हैं जिससे उन पर दबाव कम होगा और वर्ष में दो बार परीक्षाओं के आयोजन से उन्हें बेहतर तैयारी करने का अवसर मिलेगा और अगर उनकी एक परीक्षा बेहतर नहीं होती है तो आगे की परीक्षा को वह बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर सकते हैं और यह निश्चित रूप से उनके तनाव को भी काम करने वाला निर्णय साबित होकर हालांकि कुछ विद्यार्थियों ने है इस निर्णय को सही निर्णय नहीं बताया है और कहां है कि इससे केवल वक्त बर्बाद होगा और एक विद्यार्थी के लिए पढ़ाई को लेकर तनाव और दबाव निश्चित रूप से हमेशा बना रहेगा चाहे वह परीक्षा वर्ष में दो बार हो या एक बार हालांकि अब देखना होगा कि निर्णय कितना असर डालता है।