दुखद : बहुमत को दरकिनार कर इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने लिया ऑफलाइन एग्जाम का फैसला, इन इन चीजो पर पडेगा फैसले का प्रभाव


ALLAHABAD UNIVERSITY : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परीक्षाओं को लेकर बनायी गयी हाई पावर कमेटी ने आज अपना अंतिम निर्णय सुनाया है। जिसे आज देर शाम सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय से सभी मीडिया को जारी किया गया है। परीक्षाओं के माध्यम पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय हाई पावर कमेटी ने यह स्पष्ट निर्णय लिया है कि प्रस्तावित परीक्षाएँ ऑफलाइन माध्यम से होंगी।

क्या क्या है निर्णय के महत्वपूर्ण बिंदु -

1. परीक्षाओं का माध्यम ऑफलाइन होगा।

2. मई प्रथम सप्ताह से होंगी परीक्षाएँ।

3. पूर्व निर्धारित कर्टेल्ड सिलेबस के अनुसार ही होगी प्रश्नपत्र।

4. प्रश्नपत्र का प्रारूप ही पूर्व निर्धारित ही होगा। 

5. प्रैक्टिकल परीक्षाओ को असाइनमेंट बेस्ड कराया जाएगा।

6. कोई भी ऑफलाइन प्रैक्टिकल एग्जाम नही होगा।

ऑफलाइन निर्णय लेने के पीछे एयू का तर्क -

1. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के तमाम बोर्ड्स के ऑफलाइन परीक्षाओ के विरोध के याचिका को खारिज करने का ग्राउंड।

2. ऑनलाइन परीक्षाओं में महसूस की गयी परेशानियाँ। 

बहुमत को दरकिनार कर लिया गया फैसला -

एक तरह जहाँ इलाहाबाद विश्वविद्यालय हाई पावर कमेटी ने निर्णय देते हुए यह लिखा है कि बहुतायत छात्र-छात्राओ के हित को देखते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑफलाइन परीक्षाओ का निर्णय लिया है। वही दूसरी ओर छात्र-छात्राओ का कहना है कि बहुमत के हक में अगर निर्णय लिया गया है तो बहुमत ने तो ऑनलाइन के परीक्षाओ के पक्ष में आवेदन दिया था। अब बस चूँकि इनके पास लाव लश्कर है तो जो कहे लेकिन ए बहुमत का अपमान है। दूसरी तरफ छात्र-छात्राओ ने यह भी कहा कि जब यही करना था तो 42 दिन का समय क्यों बर्बाद किया।

प्रैक्टिकल परीक्षाओ के निर्णय पर छात्र खुश -

हालाँकि विरान निर्णय में एक खुशी छात्र-छात्राओ को यह दिख रही कि प्रैक्टिकल परीक्षाओ को ऑफलाइन माध्यम से न कराकर अब असाइनमेंट बेस्ड कराया जाएगा अर्थात कि सवाल दे दिए जाएँगे घर से लिखकर तय समय में जमा कर देना होगा। इस निर्णय को लेकर प्रैक्टिकल कोर्सेज के छात्र-छात्राओ में थोडी राहत है। 

तारीख बढने से छात्र-छात्राओ में नाराजगी -

छात्र-छात्राओ का एक धडा इस बात से भी नाराज है कि ऐसी ही विरोध प्रदर्शन से पूर्व में मार्च की प्रस्तावित परीक्षाओ को अप्रैल में कर दिया गया और अब छात्र-छात्राओ के विरोध प्रदर्शन के ही आड़ मे इसे मई में कर दिया गया। लिहाजा अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओ में अपने अग्रिम नामांकन प्रकिया को लेकर चिंता सता रही है। 

निर्णय से परास्नातक छात्र-छात्राएँ भी चिंतित -

परास्नातक छात्र-छात्राओ का समूह भी इस निर्णय से चिंतित दिख रहा। उनका कहना है कि जब इनकी परीक्षाओ को मई में कराया जाएगा तो अब हमारी परीक्षाएँ कब होगी। तमाम प्रतियोगी परीक्षाओ का दौर आने वाला है और इनके निर्णय से पूरी तरीके से हमारे अंतिम सेमेस्टर के परीक्षाओ पर प्रभाव पडेगा। लिहाजा छात्र-छात्राओ का एक प्रतिनिधिमंडल परीक्षा नियंत्रक कार्यालय से बात करने की योजना बना रहा।
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